Wednesday, February 5, 2014

मेरी क्लास टीचर कामिनी

मैं १८ साल का था और मैं उस टाइम ६' का था शरीर से लम्बा तगड़ा था। मुझे १ टीचर कामिनी पढ़ाती थी उस की उमर २७ - २८ साल थी पर उसको बच्चा नहीं था। उसका पति सरकारी नोकरी में था और वो काफ़ी टाइम टूर पर रहता था। कामिनी का पति बाहर गया हुअ था और उसको एक नये मकान की जरुरत थी वो किराये पर रहती थी। हमारे पड़ोस में एक मकान नया बना था और काफ़ी खुला और हवादार था। जब कामिनी ने पूछा तो मैने उस मकान का बता दिया। उसी दिन कामिनी मेरे साथ घर अयी और वो मकान देखने मेरी मां के साथ चली गई। कामिनी को मकान काफ़ी पसंद आया और किराया भी काफ़ी जायज था, सो कामिनी ने मकान मालिक को अगले महीने की १ तारीख को आने के लिये कहा और एडवांस किराया दे दिया। अगस्त महीने की १ तारीख को कामिनी अपने सामान के साथ उस मकान में शिफ़्ट कर गई।

दोस्तों यहां से असली बात शुरु होती है। कामिनी ने हमारे पड़ोस में आने के बाद मेरी मां से दोस्ती कर ली और मुझे एक्स्ट्रा पढ़ाई करवाने की बात कर ली बिना कोई टूशन फीस के। बस मेरी मां को क्या चहिये था। कामिनी ने मुझे घर पर बुलाना शुरु कर दिया और अकेले में पढ़ाने लगी।

पहले ही दिन जब मैं उसके घर गया तो देखा कि उसने लूज़ कमीज और लंहगा पहन रखा था। उसने ब्रा नहीं पहनी थी और कमीज का गला भी खुला था। कामिनी ने मुझे पढ़ाना शुरु किया और बीच बीच मैं वो अपनी चूचियां अपने हाथ से दबा देती, उसकी बड़ी बड़ी चूचियों की गोलियां जैसे बाहर आने को हो जाती मैं उसकी इस हरकत को देख के मस्ती में भर जाता और मन कर रहा था कि मैं ही उसकी चूचियां दबा दूं पर हिम्मत नहीं हो रही थी। मेरा कुंवारा लंड तन कर सख्त हो गया था और मेरी पैंट को फ़ाड़ के बाहर निकलने को तैयार था। पर मैं कामिनी को कुछ कह नहीं पा रहा था। कोई २ घंटे पढ़ाने के बाद कामिनी ने मुझे कहा "राज तुम अब घर जाओ और अपने परेंट्स से पूछ कर आना यहां सोने के लिये"। मैने कहा "अच्छा मैडम"।

जब मैं चलने लगा तो कामिनी ने कहा "राज तुम रहने दो रुको यहीं पर। मैं ही पूछ आती हूं"। कह कर कामिनी ने अपना कमीज मेरे सामने ही खोल दिया और बड़बड़ाने लगी "इतना करने के बाद भी कुछ नहीं किया पता नहीं रात को क्या करेगा"


फ़िर कामिनी ने अपनी ब्रा पहनी और मुझे हुक लगाने को कहा । " आआआआआआआआआआअ ह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्ह आआआऐईईईईइ "हुक लगते हुए मेरे मुंह से निकल ही गया। "राज अगर तुम मेरी मानोगे तो इससे भी ज्यादा मजा आयेगा तुम बस यहीं मेरा इन्तजार करो और बुक खोल के बैठ जाओ।


अब आगे कि कहानी पढ ने के लिए यहाँ क्लीक करे Desi Sex Stories

No comments:

Post a Comment