मेरा नाम विशाल है।तो दोस्तो, मैं एक २६ वर्षीय लम्बा, भरा-पूरा एथलीट हूँ और मुझे सेक्स करना एक कला लगता है।
अब मैं आपको अपनी आपबीती सुनाता हूँ।बात एक दिन इतवार की है, उस दिन मैं जल्दी सुबह अपने कसबे (रुरल जयपुर) से जयपुर आया प्रतियोगी-परीक्षा देने के लिए ! मेरा परीक्षा-केन्द्र शास्त्री नगर, जयपुर के एक स्कूल में बना और मुझे अपने कमरे के गेट के पास वाली कुर्सी मिली।
थोड़ी देर में स्कूल की घंटी बजी और एक सुंदर सी मेडम पश्न-पत्र और उत्तर-पुस्तिका लेकर कमरे में आई। वो एकदम सुंदर नैन नक्श वाली और हुस्न की मल्लिका लगती थी। थोड़ी देर में उसने सबको पेपर बांटे और फिर मेरे पास वाली कुर्सी पर बैठ गई और कभी मेरी उत्तर-पुस्तिका और कभी मेरे ऊपर लगातार देखती रही। परन्तु मेरा मन उस समय केवल परीक्षा देने का ही था सो मैंने इस बात पर विशेष ध्यान नहीं दिया।
थोड़ी देर में वो मेडम मेरी चोरी छुपे मदद करने लगी और मुझे प्रश्न हल करवाने लग गई और मैं उसका पूरा पूरा फ़ायदा लेने लगा। मैंने अपना पेपर नियत समय से आधा घंटा पहले ही ख़त्म कर लिया और उसकी तरफ प्यार से देखने लग गया। अब वो भी मुझे प्यार से बातें पूछने लगी कि तुम कहाँ रहते हो और क्या करते हो?
मैंने बताया- मैं फुलेरा में रहता हूँ और शाम को ६ बजे वापस ट्रेन से जाऊंगा।
तो मेडम बोली- ठीक है, परीक्षा के बाद गेट के पास मेरा इंतजार करना !
मैं कुछ नहीं बोला और परीक्षा ख़त्म हुई तो गेट के पास मैं उसका इंतजार करने लगा।
थोड़ी ही देर में मेडम आई और मैं उसके साथ हो लिया। लगभग १० मिनट पैदल चलते चलते हमने इधर उधर की बातें करते करते उसके घर पहुंचे जो कि ऊपर वाली मंजिल में एक अलग थलग घर था। वो मुझे लेकर अन्दर आई और दरवाज़ा बंद कर दिया।
अब आगे कि कहानी पढ ने के लिए यहाँ क्लीक करे Desi Sex Stories
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थोड़ी देर में स्कूल की घंटी बजी और एक सुंदर सी मेडम पश्न-पत्र और उत्तर-पुस्तिका लेकर कमरे में आई। वो एकदम सुंदर नैन नक्श वाली और हुस्न की मल्लिका लगती थी। थोड़ी देर में उसने सबको पेपर बांटे और फिर मेरे पास वाली कुर्सी पर बैठ गई और कभी मेरी उत्तर-पुस्तिका और कभी मेरे ऊपर लगातार देखती रही। परन्तु मेरा मन उस समय केवल परीक्षा देने का ही था सो मैंने इस बात पर विशेष ध्यान नहीं दिया।
थोड़ी देर में वो मेडम मेरी चोरी छुपे मदद करने लगी और मुझे प्रश्न हल करवाने लग गई और मैं उसका पूरा पूरा फ़ायदा लेने लगा। मैंने अपना पेपर नियत समय से आधा घंटा पहले ही ख़त्म कर लिया और उसकी तरफ प्यार से देखने लग गया। अब वो भी मुझे प्यार से बातें पूछने लगी कि तुम कहाँ रहते हो और क्या करते हो?
मैंने बताया- मैं फुलेरा में रहता हूँ और शाम को ६ बजे वापस ट्रेन से जाऊंगा।
तो मेडम बोली- ठीक है, परीक्षा के बाद गेट के पास मेरा इंतजार करना !
मैं कुछ नहीं बोला और परीक्षा ख़त्म हुई तो गेट के पास मैं उसका इंतजार करने लगा।
थोड़ी ही देर में मेडम आई और मैं उसके साथ हो लिया। लगभग १० मिनट पैदल चलते चलते हमने इधर उधर की बातें करते करते उसके घर पहुंचे जो कि ऊपर वाली मंजिल में एक अलग थलग घर था। वो मुझे लेकर अन्दर आई और दरवाज़ा बंद कर दिया।
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